मौत का मंजर शायरी-Maut Shayari in hindi
मौत पर इज़हार ए ग़म शायरी
ग़ज़ल
Papa Ke Liye Shayari
पापा के नाम
(रह रह कर आंखें नम हो जा रही हैं, आज ही के दिन 27 फ़रवरी 2016 को मेरे वालिद मोहतरम,अज़ीम शायर जनाब डॉक्टर ज़मीर अहसन साहब इस फ़ानी दुनिया को अलविदा कह गए थे)
आई है नींद यूं कि जगाया न जाएगा।
ग़म शायरी-Gam Bhari Shayari
रूठे हैं इस क़दर कि मनाया न जाएगाआई है नींद यूं कि जगाया न जाएगा।
है कौन सा दयार जहां आप जा बसे
और कह गए कि लौट के आया न जाएगा।
रोएंगे हम भी जाइए हर रोज़ हर घड़ी
अब आपसे तो चुप भी कराया न जाएगा।
अब सर पे हाथ रख के ये हमसे कहेगा कौन
लो अब तुम्हारे सर से ये साया न जाएगा।
रख लीं हैं आपकी सभी यादें संभालकर
यादों से जल्द हाथ छुड़ाया न जाएगा।
सांसों ने थम के कह दिया "अतिया" से देखिए
अब नाज़ ज़िंदगी का उठाया न जाएगा।
अतिया नूर
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रुठे वो इस क़दर कि मनाया न जाएगा, मौत शायरी
मौत तो उसकी ओट लेती है, ज़िंदगी और मौत पर शायरी
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