Shab E Barat Naat Sharif Lyrics In Hindi
नात लिरिक्स हिंदी में | Naate Pak Lyrics
नाते पाक
मदीने के शाम - ओ - सहर देखते हैंं।
जो ख़्वाबों में तैयबा नगर देखते हैं।
बरसती है रहमत उधर किबरिया की।
जिधर भी वो ख़ैरुल बशर देखते हैं।
दिया वास्ता जब से मेहबूबे रब का।
दुआ़ओं में अपनी असर देखते हैं।
दुआ़ उनकी मक़बूल करता है मौला।
जो ख़म उनके रोज़े पे सर देखते हैं।
ज़मीं तो ज़मीं है ह़कीक़त में लोगो।
निसार उनपे शम्स - ओ-कमर देखते हैं।
नहीं उन को भाते जहाँ के नज़ारे।
निगाहों से जो उनका दर देखते हैं।
ह़क़ीक़त फ़राज़ उनकी ज़ाहिर है सबपर।
करम उनका ऐहले नज़र देखते हैं।
सरफ़राज़ हुसैन फ़राज़ पीपलसाना
नात ए पाक लिखी हुई | नात शरीफ अच्छी वाली
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मदीने को जाने के दिन आ रहे हैं-लिखी हुई नाते | Naat Sharif Hindi
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