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ये साहिब-ए-ईमान का ईमान है, देख– सच्चाई और ईमान पर शायरी प्रेरणादायक

ये साहिब-ए-ईमान का ईमान है, देख!!
ये मर्हला मुश्किल नहीं, आसान है, देख!!

ईमानदारी पर शायरी | जमीर पर शायरी | ईमान शायरी

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ईमान पर रुबाई Imaam Shayari

बख्शिश का तेरी, दहर में सामान है, देख!!
ईमान की कहता हूँ, कि ईमान है, देख!!
चल इस पे, कि मिल जायेगी मंज़िल तुझे, शेख!!
नक्श-ए-कदम-ए-साहिब-ए-कुरआन है, देख!!

गजल

ये साहिब-ए-ईमान का ईमान है, देख!!
ये मर्हला मुश्किल नहीं, आसान है, देख!!

हिर्दय में जलन,मन में भी तूफान है आज!!
हर एक बशर/ मनुष्य जग में परेशान है, देख!!

हैरानगी से आरी नहीं कोई भी शख्स!!
हर एक बशर शशदर-व-हैरान है, देख!!

दीवाना भी तो कैद किया जाता है आज!
कैदी के लिए जेल है, जिन्दान है, देख!!

आवाज ये तो कल्ब-व-जिगर में उतर/ समा जाय!
इस मुर्ली-मनोहर का ये सुर-तान है, देख!!

दुनिया में पयम्बर की हुकूमत है, जनाब!!
महफ़ूज अभी तख्त-ए-सुलेमान है, देख!!

मचले है मेरे कल्ब में हर वक्त ,जनाब!
जावेद!,अजब चीज ये अरमान है, देख!!

सब कुछ दिखे है अर्सा-ए-महशर में, ऐ शेख!
हाँ!,आलम-ए-नफसी में तो इन्सान है, देख!!

ये खित्ता-ए-महशर है, ये है शहर-ए-आशू!!
इस शहर में हर शख्स परेशान है, देख!!

गर्मी से अबस ही तु परेशान है, देख!!
"रामा"!,अभी बरसात का इम्कान है, देख!!

मैदान-ए-क़यामत में खङे है जो,ऐ शेख!!
इक जिन्द तो फारस का वो सलमान है, देख!!

ईमान पर जदीद ग़ज़ल शायरी

हर बन्दा परेशानियों का अब है शिकार!/हर बन्दा परेशानी में है मुब्तला आज!
इस दह्र में हर शख्स परेशान है, देख!

आरास्ता है बज्म-ए-अदब, ऐ मेरे दोस्त!!
ये शेर-व-सुखन का ही गुलिस्तान है, देख!!

उस्ताद सुखनवर है ये भी मिस्ल-ए-जावेद!!
ये राम भी तो साहिब-ए-दीवान है, देख!!

"ग़ालिब"की तरह"राम"भी उस्ताद है, शेख!!
ये"राम"भी तो साहिब-ए-दीवान है, देख!!

नोट :- इस तवील और मुन्फरिद गजल के दीगर शेर-व-सुखन आइंदा फिर कभी पेश किए जायेंगे, इन्शा-अल्लाह!
रामदास दिलीपकुमार इन्सान प्रेमनगरी, द्वारा डॉक्टर जावेद अशरफ़ कैस फैज अकबराबादी, खदीजा नरसिंग होम, रांची हिल साईड, इमामबाड़ा रोड, रांची-834001,झारखण्ड, इण्डिया!

ईमान पर शायरी - Imaan Shayari - Imaan Quotes
मेरा इमान

रख दिया दिल कदमों मे यकीन न हुआ तुझे।
जान मै अपनी दे नहीं सकता मेरी जान है तू।
सूरज चांद तारे टले तो टले मै टल नहीं सकता।
तुझे मान लिया तो मान लिया मेरी इमान है तू।
श्याम कुंवर भारती

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