यादों में मुकेश जी— गायक मुकेश मधुर आवाज के महाराज को नमन
यादों में मुकेश जी(मधुर आवाज के महाराज को नमन)
गायक मुकेश Mukesh Singer
आपकी 45 वीं पुण्य तिथि पर है नमन आपको,
आज भी होठ गुनगुना पसंद करते आपके गाने।
गाने आपके इस जग में, हो सकते नहीं पुराने,
लोग आज भी लगते हैं आपके गानों के दीवाने।
लोग आज भी लगते हैं……
यह दुनिया ही एक महफ़िल है, लोग कलाकार हैं,
सभी पल दो पल के शायर, छलकते हैं पैमाने।
कभी कभी दिल में, वही पुराना ख्याल आता है,
और रोज आंखों में, सपने आते रहते हैं सुहाने।
लोग आज भी लगते हैं……
आपके मीठे बोल अनमोल हैं, अराध्य मुकेश जी,
मिठास के कारण, आज भी छलकते गानों के पैमाने।
आप अतीत में नहीं, वर्तमान में दिखाई पड़ते हैं,
कानों में गूंजते ही, आपके गाने लगते रस बरसाने।
लोग आज भी लगते हैं……
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
आज भी होठ गुनगुना पसंद करते आपके गाने।
गाने आपके इस जग में, हो सकते नहीं पुराने,
लोग आज भी लगते हैं आपके गानों के दीवाने।
लोग आज भी लगते हैं……
यह दुनिया ही एक महफ़िल है, लोग कलाकार हैं,
सभी पल दो पल के शायर, छलकते हैं पैमाने।
कभी कभी दिल में, वही पुराना ख्याल आता है,
और रोज आंखों में, सपने आते रहते हैं सुहाने।
लोग आज भी लगते हैं……
आपके मीठे बोल अनमोल हैं, अराध्य मुकेश जी,
मिठास के कारण, आज भी छलकते गानों के पैमाने।
आप अतीत में नहीं, वर्तमान में दिखाई पड़ते हैं,
कानों में गूंजते ही, आपके गाने लगते रस बरसाने।
लोग आज भी लगते हैं……
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी) बिहार
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