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चेतावनी भजन लिरिक्स हिंदी : कैसो बैठो है रे आलस में

आर्यपुत्र आर्यन जी महाराज के भजन : चेतावनी भजन

( आर्यपुत्र आर्यन जी महाराज के भजन ) चेतावनी भजन :
कैसो बैठो है रे आलस में, तोसे राम कही ना जाय।
भोर भई मल मल मुख धोयो खाए छप्पन भोग।
सांझ भई पलंगा पर सोयो बुरी बला जू रोग।
अवगुण भरे तेरे नस नस में, जासो प्रभु की याद ना आय।। कैसो०

भरी दोपहरी हरी भरी बगिया खूब लिए आनन्द।
जा दिन परै तुम्हारे ऊपर धर्मराज को फन्द।
नाचोगे यमपुर के सरकस में, सांची गए संत समझाय।। कैसो०

जो चाहो सुख इस जीवन में त्यागो उल्टे काम।
मस्त रहो और व्यस्त रहो और भजो राम को नाम।
है आनन्द नाम हरिरस में, सो हरी चरणन ध्यान लगाय।।कैसो०

मतलब को संसार यहां पर काहे लगावत प्रीत।
अंतकाल कोई काम ना आवे यही जगत की रीत। 
कहे ' आर्यन ' ना कुछ मेरे वश में, सांची बात दई बतलाय।।कैसो०

भजन लेखक - 
आर्यपुत्र आर्यन जी महाराज
( भागवत रसिक व लेखक )

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