मजदूर दिवस पर कविता Majdoor Diwas Par Kavita Hindi
मजदूर
वर्ष में एक दिवस हम
मजदूर दिवस मनाते,
क्या बस इतना ही सम्मान
हम इनका कर पाते?
संपूर्ण वर्ष ये मजदूर श्रम करते,
कितने यत्न से ये,
अपने घर वालों की
जरूरतों को पूर्ण करते,
हम जब घरों में जश्न मनाते,
तब बहुत से मजदूर,
अपने घर जाने को तरसते,
सर्दी हो या गर्मी,
ये अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते,
श्रम तो ये तब भी करते
जब सावन भादो बरसते,
ये अपार श्रम कर के भी,
सुख सुविधाओं को तरसते,
साधारण से दिखने वाले
ये मजदूर,
देश के निर्माण में,
असाधारण भूमिका का निर्वहन करते,
करें हम सम्मान मजदूरों का,
जो अपने सपनों का त्याग,
देश के सपनों को साकार करते।
(स्वरचित)
सविता राज
मुजफ्फरपुर बिहार
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