अंतर्राष्ट्रीय बालश्रम निषेध दिवस पर कविता
12 जून, 2022
शिक्षा का महत्व
श्रम तो कर्म है,
निष्ठा ही धर्म है,
जीवन में सादर अपनाइए।
बालश्रम निषेध है,
जीवन का वेध है,
बाल को श्रम से सदा बचाइए।।
पेट हेतु मजबूर है,
बना वह मजदूर है,
कुछ तो बीड़ा उठाइए।
पिता नशेड़ी हो,
चाचा गँजेड़ी हो,
गंदे कीचड़ से जीवन बचाइए।।
नहीं उसे कोई बोध है,
बाल श्रम अवरोध है,
बालश्रम अपराध उसे बताइए।
बाल श्रम वेध है,
बालश्रम निषेध है,
शिक्षा का महत्व उसे समझाइए।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना।
अरुण दिव्यांश 9504503560
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