Header Ads Widget

Ticker

6/recent/ticker-posts

बैस्टी चैरिटेबल ट्रस्ट ने आयोजित की आनलाइन हिंदी दिवस पर काव्य गोष्ठि

बैस्टी चैरिटेबल ट्रस्ट ने आयोजित की आनलाइन हिंदी दिवस पर काव्य गोष्ठि

एक स्वतंत्र देश के लिए उसकी अपनी भाषा को राष्ट्र भाषा की मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य है ताकि प्रत्येक कार्य अपनी मातृभाषा में किया जा सके, जिससे आम आदमी भी अपना कार्य आसानी से कर सके। अपनी भाषा को पढ़ना और समझना इसलिए भी आसान होता है क्योंकि हम उसी भाषा के साथ के पले और बढ़े हुए हैं। मातृभाषा की अहमियत जानते हुए भी हम अबतक अपनी हिंदी भाषा को दोयम दर्जा दे रहे हैं, ये बात हम भारतवासियों के लिए कतई सही नहीं है। हमें ये बात समझने की जरूरत ही नहीं अमल में भी लाने की बहुत जरूरत है कि हरेक सरकारी कार्यालयों, बैंकों, न्यायालय और अन्य जगह भी हिन्दी भाषा ही बोली जानी चाहिए और हिंदी में ही काम होना चाहिए।

आज नेटवर्क क्रांति का युग है और हमें तुरंत ऐसे उपाय करने होंगे जिससे हिंदी का ही हर जगह प्रयोग करें। इसके लिए हमारी शिक्षा प्रणाली भी दोषपूर्ण कि हिन्दी में हर विषय की पुस्तकें ही उपलब्ध नहीं हैं। जो उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं वह सब अंग्रेज़ी माध्यम से की जाती हैं, उनके लिए हिन्दी में कार्य करना दुष्कर हो जाता है। जब तक हिंदी को उच्च शिक्षा में प्रयोग नहीं करेंगे ये समस्या दूर होना मुश्किल है। अभी इस पर बहुत काम किया जाना जरूरी है। इस हेतु जनजागरण अभियान चलाये जाए ताकि सरकार भी इसपर कार्य करें और हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया जा सके।

"हिंदी मातृभाषा" जनजागरण अभियान के तहत "बैस्टी एजूकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट (दोहा-कतर)", द्वारा विशेष आनलाइन काव्य गोष्ठी आयोजित की गई। सभी कवियों और कवियत्रियों ने हिन्दी भाषा के महत्व को रेखांकित करते हुए अपनी रचनाएंँ पढ़ी। सभी ने अपनी मातृभाषा के प्रसार और प्रसार का दायित्व निभाने का प्रण लिया।

इस काव्य सम्मेलन में शिरकत करने वाले कवि इस प्रकार हैं, आ. डॉ बैजनाथ शर्मा मिंटू जी (संस्थापक अध्यक्ष), ममता सिंह जी संयोजिका और संचालिका, आशा दिनकर 'आस' (अध्यक्षा नयी दिल्ली), आदरणीया मुदिता खरे जी, आनंद पाण्डेय केवल जी, आ. हिमाद्रि मिश्रा जी, आ. रितु जैन जी, आ. अनीता गौतम जी, आ. स्वागता बासु जी, आदरणीय आलोक चौधरी जी, आ. नलिनी अय्यर जी, आ. रूबी दवे जी, आ. नेहा झा 'मणि' और आ. मनोरमा झा जी।

besty-charitable-trust-organized-poetry-seminar-on-hindi-divas-online


आयोजन हिन्दी प्रेम से ओतप्रोत रचनाओं का बेजोड़ संगम रहा। कवियत्री आ. ममता सिंह ने संचालन बहुत शानदार और प्रभावशाली ढंग से किया। अंत में डॉ बैजनाथ शर्मा मिंटू जी ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिया और कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा की।

मुझे लगता है इस प्रकार के आयोजनों का सिलसिला हिन्दी प्रेम के प्रति जागरूकता पैदा करने में अहम भूमिका निभाने में सक्षम साबित होगा
लेखिका कवियत्री
आशा दिनकर'आस'
नयी दिल्ली

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ