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अहिल्याबाई होलकर जयंती | Ahilyabai Holkar Jayanti

अहिल्याबाई होलकर Ahilyabai Holkar


विषय : अहिल्याबाई होलकर
दिनांक : 31 मई, 2023
दिवा : बुधवार

खण्डेराव होल्कर की पत्नी,
मल्हारराव होलकर की बहू थी।
होल्कर वंश राज्य संस्थापक,
सुन्दर सुसंस्कृत की ही लहू थी।।
सभ्य शिष्ट निष्ठा से भरी वह तो,
सास ससुर की वह अरमान थी।
सासससुर की कीर्ति बढानेवाली,
सास ससुर की वह सम्मान थी।।
शिक्षा पूर्ण कर न सकी वह किंतु,
सास ससुर का ही आशीष लिया।
जीत चुकी शीघ्र सबके दिल को,
स्नेह प्यार खूब बख्शीश लिया।।
पर हाय रे विधाता कैसा है तू भी,
नववधू का सुख भी सह न सका।
अल्प आयु में ही पति को छिना,
भोर होकर भी फट पह न सका।।
कितने हुए तुम बेदर्दी वह निष्ठुर,
सारे सुख उंगली पर गिन लिए।
बना दिए उसको तुम बेसहारा,
ससुर की साया भी छिन लिए।।
एक पुत्र एक पुत्री की मां थी वह,
किंतु दृढ़ संकल्पित वह नारी थी।
प्रजाहित में बागडोर भी संभाली,
बेटा बेटी दामाद खोकर भी वह,
अपनी हिम्मत कभी न हारी थी।।
मराठा प्रांत की राजमाता बनीं,
ग्राम इंदौर को समृद्ध शहर बनाईं।
चल पड़ीं दुनिया से तुम भी ऐसे,
लौटकर दुनिया में आ नहीं पाईं।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )
बिहार।

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