साइरस और डेरियस प्रथम के शासनकाल में फारसी साम्राज्य का विस्तार
1. साइरस महान (Cyrus the Great) के शासनकाल में विस्तार (550-530 ईसा पूर्व)
(क) फारसी साम्राज्य की स्थापना
साइरस महान ने 550 ईसा पूर्व में मीडिया (Media) पर विजय प्राप्त कर अकेमेनिड साम्राज्य की स्थापना की। इससे फारसी साम्राज्य का पहला बड़ा विस्तार हुआ। उन्होंने अपनी विजयों के माध्यम से एक मजबूत प्रशासनिक और सैन्य व्यवस्था तैयार की।
(ख) लिडियन साम्राज्य की विजय (546 ईसा पूर्व)
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साइरस ने एशिया माइनर (आधुनिक तुर्की) में स्थित लिडियन साम्राज्य के राजा क्रोयसस (Croesus) को हराकर इस क्षेत्र को अपने नियंत्रण में ले लिया।
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इस विजय से फारसी साम्राज्य को समृद्ध शहरों और व्यापारिक मार्गों पर नियंत्रण मिला।
(ग) बाबिलोनी साम्राज्य की विजय (539 ईसा पूर्व)
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साइरस ने मेसोपोटामिया के शक्तिशाली बाबिलोनी साम्राज्य को हराया और इसके राजा नबोनिडस (Nabonidus) को पराजित किया।
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इस विजय से फारसी साम्राज्य को टाइग्रिस-युफ्रेट्स नदी घाटी और उसके आर्थिक संसाधनों पर नियंत्रण मिला।
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साइरस ने बाबिलोन पर विजय प्राप्त करने के बाद वहां धार्मिक सहिष्णुता और प्रशासनिक सुधारों को लागू किया, जिससे उनकी लोकप्रियता बढ़ी।
(घ) यहूदियों की मुक्ति
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साइरस ने बाबिलोनी कैद में फंसे यहूदियों को मुक्त कर उन्हें यरूशलेम वापस जाने और अपना मंदिर पुनर्निर्मित करने की अनुमति दी।
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इस कारण उन्हें यहूदी समुदाय में "मसीहा" (उद्धारकर्ता) के रूप में देखा जाता है।
(ङ) ईरान से मध्य एशिया तक विस्तार
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साइरस ने पूर्व में बैक्ट्रिया (Bactria) और सोगडियाना (Sogdiana) जैसे क्षेत्रों पर विजय प्राप्त की, जिससे उनका साम्राज्य मध्य एशिया तक फैल गया।
(च) साइरस की मृत्यु और साम्राज्य की स्थिति
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530 ईसा पूर्व में साइरस की मृत्यु हो गई, लेकिन उनके द्वारा निर्मित प्रशासनिक और सैन्य आधार ने फारसी साम्राज्य को और अधिक विस्तार करने में मदद की।
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उनका पुत्र कंबुजीया (Cambyses II) फारसी साम्राज्य का अगला शासक बना, जिसने मिस्र पर विजय प्राप्त की।
2. डेरियस प्रथम (Darius I) के शासनकाल में विस्तार (522-486 ईसा पूर्व)
(क) सत्ता पर नियंत्रण और साम्राज्य का पुनर्गठन
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डेरियस प्रथम ने 522 ईसा पूर्व में सत्ता संभाली और तुरंत ही साम्राज्य में उभर रहे विद्रोहों को दबाया।
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उन्होंने एक मजबूत केन्द्रीय प्रशासन स्थापित किया और साम्राज्य को सत्रह प्रांतों (Satrapies) में विभाजित किया।
(ख) भारत तक विस्तार
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डेरियस ने 516 ईसा पूर्व में सिंधु घाटी क्षेत्र (आधुनिक पाकिस्तान) पर विजय प्राप्त की।
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इस क्षेत्र को साम्राज्य के 20वें सत्रापी (प्रांत) के रूप में शामिल किया गया, जिससे फारस का प्रभाव भारत तक पहुँच गया।
(ग) यूरोप में फारसी साम्राज्य का विस्तार
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डेरियस ने थ्रेस (Thrace) और मैसेडोनिया (Macedonia) पर विजय प्राप्त कर यूरोप में फारसी साम्राज्य का विस्तार किया।
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उन्होंने एथेंस और स्पार्टा को भी अपनी सत्ता स्वीकार करने के लिए मजबूर करने की कोशिश की, जिससे ग्रीक-फारसी संघर्ष शुरू हुआ।
(घ) सड़कों और डाक प्रणाली का विकास
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डेरियस ने साम्राज्य को संगठित करने के लिए "रॉयल रोड" (राजमार्ग) का निर्माण कराया, जो व्यापार और प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण था।
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उन्होंने सुनियोजित डाक प्रणाली भी विकसित की, जिससे संदेशों का त्वरित संचार संभव हुआ।
(ङ) समुद्री मार्गों और नौसैनिक शक्ति का विस्तार
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डेरियस ने फारसी नौसेना को मजबूत किया और नहरों और समुद्री मार्गों का निर्माण कराया।
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उन्होंने मिस्र और भारत के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक जलमार्ग बनाने का भी प्रयास किया।
(च) डेरियस और ग्रीस के खिलाफ युद्ध
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डेरियस ने ग्रीस पर हमला किया, जिसे पहला ग्रीको-फारसी युद्ध (First Greco-Persian War) कहा जाता है।
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490 ईसा पूर्व में मैरेथन (Marathon) के युद्ध में फारस की सेना को एथेंस द्वारा पराजित किया गया।
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हालांकि, इस युद्ध के बावजूद फारसी साम्राज्य अपनी विशालता और शक्ति बनाए रखने में सफल रहा।
निष्कर्ष
साइरस महान और डेरियस प्रथम ने अपने सैन्य अभियानों, कुशल प्रशासन और आर्थिक नीतियों के माध्यम से फारसी साम्राज्य को विश्व इतिहास के सबसे विशाल और संगठित साम्राज्यों में से एक बना दिया।
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साइरस महान ने साम्राज्य की स्थापना की और इसे पश्चिम में लिडिया और बाबिलोन से लेकर पूर्व में बैक्ट्रिया तक विस्तृत किया।
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डेरियस प्रथम ने इसे भारत, यूरोप और मिस्र तक फैलाया और प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से इसे संगठित किया।
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इनके प्रयासों से फारसी साम्राज्य ने लगभग 200 वर्षों तक एक शक्तिशाली शक्ति के रूप में शासन किया।
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