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रामनवमी का त्यौहार : भक्ति काव्य तरंग

रामनवमी का त्यौहार


(भक्ति काव्य तरंग)

“आप सभी मित्रों एवं साथियों तथा प्यारे बच्चों को हमारी ओर से भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम राम जी की असीम कृपा से रामनवमी महोत्सव के शुभ अवसर पर ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं एवं अशेष बधाइयां।”

सुख शांति लेकर आता है हर वर्ष रामनवमी का त्यौहार,
आलौकिक खुशियों से नाच उठता एक साथ सारा संसार।
एक ओर जगत जननी दुर्गा भवानी अपने शेर पर सवार,
दूसरी ओर होता है भगवान श्री राम जी स्वागत सत्कार।
सुख शांति लेकर आता है...........

राम की महिमा से, गर्म मौसम भी हो जाता बड़ा सुहाना,
भक्तों को लगता जैसे, लौट आया है सतयुग वही पुराना।
जग में चारों ओर धर्म और पुण्य का दिखता है बोलबाला,
नफरत दूर हो जाती है दिल से और उमड़ पड़ता है प्यार।
सुख शांति लेकर आता है.............

रामनवमी के दिन, फिर से नई हो जाती राम की कहानी,
राम नाम लेने से, जीवन से दूर हो जाती है हर परेशानी।
भक्ति का केंद्र बन गया, राम जन्म भूमि अयोध्या धाम,
कोने कोने में होती है, धर्म और पुण्य की जय जयकार।
सुख शांति लेकर आता है.............

राम के चाहनेवालों को अवश्य मिलता है राम का सहारा,
गर्दिश से बाहर आकर चमकने लगता भाग्य का सितारा।
हर सनातनी व्यक्ति का है, भगवान श्री रामजी से नाता,
जहां राम की कृपा नहीं होती है, मचा रहता है हाहाकार।
सुख शांति लेकर आता है................

प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

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